Google Chrome का बड़ा अपडेट: यूब्लॉक ओरिजिन यूजर्स के लिए चुनौती, जानें मैनिफेस्ट V3 का पूरा सच

गूगल क्रोम ब्राउज़र इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। गूगल ने अपने लोकप्रिय ब्राउज़र में पुराने एक्सटेंशन स्पेसिफिकेशन मैनिफेस्ट V2 को अलविदा कह दिया है, जिसके चलते मशहूर एड ब्लॉकर यूब्लॉक ओरिजिन (uBlock Origin) सहित कई एक्सटेंशन अब काम नहीं कर रहे हैं। यह बदलाव क्रोम के नए मैनिफेस्ट V3 स्टैंडर्ड का हिस्सा है, जिसे गूगल प्राइवेसी और सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए लागू कर रहा है। लेकिन क्या यह यूजर्स के लिए अच्छी खबर है या परेशानी का सबब? आइए इस खबर को विस्तार से समझते हैं।

मैनिफेस्ट V3 क्या है और क्यों हो रहा है यह बदलाव?

गूगल क्रोम ने अपने एक्सटेंशन सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए मैनिफेस्ट V3 को पेश किया है। कंपनी का दावा है कि यह नया स्टैंडर्ड ब्राउज़र की स्पीड, सिक्योरिटी और यूजर प्राइवेसी को बेहतर बनाएगा। लेकिन इस बदलाव का एक दूसरा पहलू भी है। मैनिफेस्ट V3 में कुछ पुरानी टेक्नोलॉजी को हटा दिया गया है, जिस पर यूब्लॉक ओरिजिन जैसे एड ब्लॉकर्स निर्भर थे। नतीजा? यूब्लॉक ओरिजिन का मूल वर्जन अब क्रोम पर काम नहीं कर रहा।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे रेडिट और एक्स (X) पर यूजर्स इस बदलाव से नाराजगी जता रहे हैं। कई यूजर्स को क्रोम में एक नोटिफिकेशन मिल रहा है, जिसमें लिखा है, “यह एक्सटेंशन अब सपोर्टेड नहीं है” और इसे हटाने या मैनेज करने का ऑप्शन दिया जा रहा है। यह बदलाव अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ था, लेकिन हाल के हफ्तों में इसका असर बड़े पैमाने पर दिखाई दे रहा है।

यूब्लॉक ओरिजिन का अंत: यूजर्स के लिए क्या हैं विकल्प?

यूब्लॉक ओरिजिन इंटरनेट यूजर्स के बीच एक भरोसेमंद एड ब्लॉकर रहा है। यह न सिर्फ विज्ञापनों को ब्लॉक करता है, बल्कि ट्रैकर्स और मैलवेयर से भी बचाता है। लेकिन मैनिफेस्ट V3 के नियमों के कारण इसका मूल वर्जन अब क्रोम पर बंद हो गया है। इसके डेवलपर्स ने यूब्लॉक ओरिजिन लाइट (uBlock Origin Lite) नाम से एक नया वर्जन पेश किया है, जो मैनिफेस्ट V3 के नियमों का पालन करता है। लेकिन यूजर्स का कहना है कि यह पुराने वर्जन जितना प्रभावी नहीं है।

क्या आप भी यूब्लॉक ओरिजिन के फैन हैं? अगर हां, तो आपके पास दो रास्ते हैं- या तो यूब्लॉक ओरिजिन लाइट का इस्तेमाल करें या फिर एक नया ब्राउज़र चुनें। मोज़िला फायरफॉक्स इस मामले में एक मजबूत विकल्प बनकर उभरा है, जो मैनिफेस्ट V2 और V3 दोनों को सपोर्ट करता है। इसका मतलब है कि फायरफॉक्स पर आप यूब्लॉक ओरिजिन का मूल वर्जन बिना किसी रुकावट के इस्तेमाल कर सकते हैं।

क्रोम ही नहीं, अन्य ब्राउज़र्स पर भी असर

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यह बदलाव सिर्फ गूगल क्रोम तक सीमित नहीं है। माइक्रोसॉफ्ट एज और ब्रेव जैसे क्रोमियम-बेस्ड ब्राउज़र्स भी मैनिफेस्ट V3 की ओर बढ़ रहे हैं। ब्रेव ने कहा है कि वह मैनिफेस्ट V2 एक्सटेंशन्स के लिए “सीमित सपोर्ट” देगा, लेकिन क्रोम वेब स्टोर से V2 एक्सटेंशन्स हटने के बाद यह कितना कारगर होगा, यह सवाल बना हुआ है।

दूसरी ओर, मोज़िला ने साफ कर दिया है कि वह फायरफॉक्स में पुराने और नए दोनों एक्सटेंशन स्टैंडर्ड्स को सपोर्ट करना जारी रखेगा। यह कदम फायरफॉक्स को उन यूजर्स के लिए आकर्षक बना सकता है जो एड ब्लॉकिंग को लेकर गंभीर हैं। क्या यह क्रोम और फायरफॉक्स के बीच एक नई जंग की शुरुआत है? यह तो वक्त ही बताएगा।

यूजर्स की प्रतिक्रिया: गुस्सा और निराशा

सोशल मीडिया पर यूजर्स इस बदलाव को लेकर खुलकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। एक एक्स यूजर ने लिखा, “गूगल का यह कदम यूजर्स की आजादी छीनने जैसा है। विज्ञापन ब्लॉक करना हमारा हक है।” वहीं, रेडिट पर एक थ्रेड में यूजर्स ने फायरफॉक्स पर स्विच करने की सलाह दी। कुछ यूजर्स का मानना है कि गूगल यह सब अपनी विज्ञापन आय बढ़ाने के लिए कर रहा है, क्योंकि कंपनी का मुख्य बिजनेस मॉडल ऑनलाइन विज्ञापनों पर टिका है।

हालांकि, गूगल का कहना है कि मैनिफेस्ट V3 यूजर्स की प्राइवेसी को प्राथमिकता देता है और पुराने एक्सटेंशन्स से होने वाले सिक्योरिटी रिस्क को कम करता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यूजर्स इस तर्क से संतुष्ट हैं? आप इस बारे में क्या सोचते हैं? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर शेयर करें।

टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री पर प्रभाव

यह बदलाव सिर्फ यूजर्स के लिए ही नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के लिए भी एक बड़ा टर्निंग पॉइंट हो सकता है। गूगल क्रोम दुनिया का सबसे लोकप्रिय वेब ब्राउज़र है, जिसकी मार्केट शेयर 60% से ज्यादा है। ऐसे में इसके एक्सटेंशन सिस्टम में बदलाव का असर डेवलपर्स, ब्राउज़र कंपनियों और ऑनलाइन विज्ञापन इंडस्ट्री पर पड़ना तय है।

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एड ब्लॉकर्स पर बढ़ती निर्भरता ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स और विज्ञापन कंपनियों के लिए पहले से ही चुनौती बनी हुई है। मैनिफेस्ट V3 के साथ एड ब्लॉकिंग की क्षमता सीमित होने से क्या विज्ञापन इंडस्ट्री को फायदा होगा? या फिर यूजर्स नए ब्राउज़र्स की ओर रुख करेंगे? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब आने वाले महीनों में साफ होगा।

क्या करें यूजर्स: क्रोम छोड़ें या एडजस्ट करें?

अगर आप क्रोम यूजर हैं और यूब्लॉक ओरिजिन के बिना ब्राउज़िंग की कल्पना नहीं कर सकते, तो आपके सामने कुछ विकल्प हैं:

  1. यूब्लॉक ओरिजिन लाइट ट्राई करें: यह मैनिफेस्ट V3 के साथ काम करता है, हालांकि इसमें कुछ फीचर्स कम हैं।
  2. फायरफॉक्स पर स्विच करें: मोज़िला का यह ब्राउज़र आपको पुराने एड ब्लॉकर्स का पूरा सपोर्ट देगा।
  3. अन्य क्रोमियम ब्राउज़र्स: ब्रेव या एज जैसे ब्राउज़र्स में भी सीमित सपोर्ट मिल सकता है।

इस बदलाव ने क्रोम यूजर्स के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है- क्या आपको अपनी पसंदीदा टेक्नोलॉजी के साथ समझौता करना चाहिए या नई राह चुननी चाहिए? आपकी राय क्या है?

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निष्कर्ष: बदलाव का दौर और यूजर्स की पसंद

गूगल का मैनिफेस्ट V3 अपडेट टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया अध्याय शुरू कर रहा है। जहां एक तरफ कंपनी इसे सिक्योरिटी और प्राइवेसी का हथियार बता रही है, वहीं यूजर्स इसे अपनी आजादी पर हमला मान रहे हैं। यूब्लॉक ओरिजिन जैसे एड ब्लॉकर्स का क्रोम से गायब होना लाखों यूजर्स के लिए निराशाजनक है, लेकिन यह फायरफॉक्स जैसे ब्राउज़र्स के लिए एक मौका भी हो सकता है।

2025 में इंटरनेट ब्राउज़िंग का भविष्य क्या होगा? क्या गूगल अपने फैसले पर दोबारा विचार करेगा या यूजर्स को नए रास्ते तलाशने होंगे? इस खबर पर आपकी नजर बनी रहे और अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। टेक्नोलॉजी की दुनिया में ऐसे रोमांचक अपडेट्स के लिए हमारे साथ बने रहें

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