बॉलीवुड एक बार फिर शोक में डूब गया है। मशहूर अभिनेता और फिल्म निर्माता देब मुखर्जी, जो मशहूर निर्देशक अयान मुखर्जी के पिता थे, का शुक्रवार सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 83 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के उपनगरीय इलाके में अपने घर पर आखिरी सांस ली। सिनेमा में उनके योगदान और समर्थ-मुखर्जी परिवार से गहरे जुड़ाव के लिए जाने जाने वाले देब का निधन एक युग का अंत माना जा रहा है। आइए, उनके जीवन, उनकी विरासत और उनके अंतिम विदाई के बारे में जानें।
सिनेमा में एक शानदार सफर
देब मुखर्जी, जिन्हें प्यार से देबु के नाम से जाना जाता था, का निधन शुक्रवार सुबह हुआ। उनके प्रतिनिधि ने एक बयान में कहा, “हमें यह सूचित करते हुए गहरा दुख हो रहा है कि अभिनेता और नॉर्थ बॉम्बे दुर्गा पूजा के प्रमुख सदस्य श्री देबु मुखर्जी का आज सुबह निधन हो गया।”
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देब ने 1960 और 1970 के दशक में बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने तू ही मेरी जिंदगी, अभिनेत्री, दो आंखें, बातों बातों में, जो जीता वही सिकंदर, किंग अंकल, और कमीने जैसी फिल्मों में सहायक भूमिकाओं से दर्शकों का दिल जीता। अभिनय के अलावा, उन्होंने 1983 में फिल्म कराटे का निर्देशन और निर्माण भी किया, जिसमें मिथुन चक्रवर्ती, काजल किरण और योगिता बाली ने अभिनय किया था।
समर्थ-मुखर्जी परिवार का एक मजबूत स्तंभ
देब मुखर्जी सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे, बल्कि वे समर्थ-मुखर्जी परिवार का एक अहम हिस्सा थे, जो बॉलीवुड में अपनी गहरी जड़ों के लिए जाना जाता है। उनकी मां सतीदेवी, अभिनेता अशोक कुमार, अनूप कुमार और किशोर कुमार की इकलौती बहन थीं। उनके भाई जॉय मुखर्जी और शोमू मुखर्जी भी फिल्म इंडस्ट्री में बड़े नाम थे। शोमू ने अभिनेत्री तनुजा से शादी की, जो काजोल और तनीषा की मां हैं।
देब का निजी जीवन भी चर्चा में रहा। उनकी दो शादियां हुई थीं। पहली शादी से उनकी बेटी सुनीता हैं, जो मशहूर निर्देशक आशुतोष गोवारीकर (लगान फेम) की पत्नी हैं। दूसरी शादी से उनका बेटा अयान मुखर्जी है, जिन्होंने वेक अप सिड, ये जवानी है दीवानी, और ब्रह्मास्त्र जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई। देब, काजोल और रानी मुखर्जी के चाचा भी थे, जिससे उनका बॉलीवुड के बड़े सितारों से गहरा रिश्ता था।
भावुक विदाई

देब मुखर्जी की अंतिम यात्रा शुक्रवार को शुरू हुई, और उनका अंतिम संस्कार मुंबई के उपनगरीय इलाके जुहू में स्थित पवन हंस श्मशान घाट में किया गया। इस मौके पर उनके परिवार के सदस्यों, दोस्तों और फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग मौजूद थे। काजोल, रानी मुखर्जी, जया बच्चन, आलिया भट्ट, रणबीर कपूर, ऋतिक रोशन और अन्य ने उन्हें अंतिम विदाई दी। इन सितारों की मौजूदगी ने यह दिखाया कि देब का परिवार और बॉलीवुड में कितना सम्मान था।
एक ऐसी विरासत जो हमेशा जिंदा रहेगी
देब मुखर्जी का योगदान सिर्फ सिनेमा तक सीमित नहीं था। वे नॉर्थ बॉम्बे दुर्गा पूजा के पीछे एक बड़ी ताकत थे, जो मुंबई में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आयोजन है। इस आयोजन में उनकी सक्रियता ने उन्हें फिल्मों से परे भी लोगों के दिलों में जगह दी।
हालांकि उनकी फिल्में उन्हें मुख्य भूमिकाओं में नहीं दिखाती थीं, लेकिन सहायक किरदारों में उनकी मौजूदगी ने फिल्मों को खास बनाया। उनकी निर्देशित फिल्म कराटे उनकी रचनात्मकता का एक उदाहरण है। उनके परिवार के लिए, देब एक ऐसे पितामह थे, जिन्होंने अगली पीढ़ी को प्रेरित किया। अयान मुखर्जी की सफलता और समर्थ-मुखर्जी परिवार की बॉलीवुड में मजबूत मौजूदगी उनकी विरासत को जीवित रखती है।
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बॉलीवुड ने खोया एक शांत दिग्गज
देब मुखर्जी के निधन की खबर ने बॉलीवुड और उनके प्रशंसकों को सदमे में डाल दिया है। सोशल मीडिया पर लोग उनकी फिल्मों और उनके सौम्य स्वभाव को याद कर रहे हैं। एक अनुभवी अभिनेता के जाने से इंडस्ट्री में एक खालीपन आ गया है, और लोग उनके योगदान को याद कर रहे हैं।
देब का जीवन परिवार, सिनेमा और संस्कृति का एक खूबसूरत मिश्रण था। उनकी यात्रा हमें कहानियों की ताकत और बॉलीवुड के बड़े परिवारों के मजबूत रिश्तों की याद दिलाती है। भले ही वे अब हमारे बीच न हों, उनकी फिल्में, उनका परिवार और उनकी यादें उनकी विरासत को हमेशा जिंदा रखेंगी।
शांति से विश्राम करें, देब मुखर्जी। सिनेमा और आपके परिवार में आपका योगदान कभी भुलाया नहीं जाएगा।
